कोरोना महामारी के चलते हर कोई अपनी सुरक्षा और सामाजिक दुरी बनाए रखने के लिए अब ज़्यादा सतर्क हो गए है| ऐसे में ऑनलाइन और कैशलेस भुगतान बढ़ गए है| हर कोई थर्ड पार्टी पेमेंट जैसे की गूगल पे, फ़ोन पे, पेटिम जैसे applications का ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे है| जहाँ इन apps ने पैसों की लेन देन की सहूलियत बढ़ा दी है वही दूसरी ओर UPI Frauds भुगतान के नाम पर फ्रॉड भी बोहत बढ़ गया है|
Digital Wallet platform और गूगल पे जैसे ऑनलाइन भुगतान system ने हमारे जीवन को वास्तव में आसान बना दिया है। गूगल पे की मदद से भुगतान करना आसान है। गूगल पे के जरिए आप बहुत सारे काम कर सकते हैं जैसे:
डिजिटल भुगतान बहुत उपयोगी हैं लेकिन उनमें जोखिम और कमजोरियां भी बोहत हैं। इसलिए कोई भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
ऐसा ही एक केस दिल्ली में रहने वाली शिखा के साथ हुआ। शिखा की हाल ही में एक बड़ी MNC कंपनी में जॉब लगी थी| कोरोना काल में भी जॉब मिल जाना वो भी इतनी बड़ी कंपनी में यह उसके लिए बोहत ख़ुशी की बात थी| लेकिन खुश होने की जगह शिखा डरी हुई और मायूस थी। आइए जानते है शिखा के साथ क्या हुआ।
नई जॉब लगने की ख़ुशी में उसने एक नया लैपटॉप ख़रीदा लेकिन उसका पुराना लैपटॉप भी ठीक ठाक हालत में ही था| उसने सोचा दो दो लैपटॉप का क्या करेगी तो अपना पुराना लैपटॉप उसने OLX पर बेचने का फैसला लिया| उसने अपने लैपटॉप की फोटो और बाकि सारी जानकारी डालकर OLX पर अपना लैपटॉप बेचने के लिए लिस्ट कर दिया| उसने अपने लैपटॉप बेचने का ऐड सोशल मीडिया पर भी डाला| फेसबुक पर उस ऐड को देख कर एक व्यक्ति ने उसे संपर्क किया|
उसने कहाँ की वो लैपटॉप खरीदने में interested है और डील फाइनल करने के लिए वो 50% एडवांस देने को भी तैयार था| शिखा खुश हो गई और बिना किसी जांच पड़ताल के उसने हाँ कर दी| उस व्यक्ति ने शिखा की UPI आईडी मांगी ताकि वो उसे ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर सके| शिखा ने अपनी गूगल पे की आईडी देदी कुछ मिनट में ही उसके पास एक payment request आई और शिखा ने बिना सोचे समझे जल्दबाजी में request पर क्लिक कर दिया| नतीजा यह हुआ की शिखा के अकाउंट में पैसे आने की बजाय 15000 रूपए कट गए| इस से पहले की शिखा कुछ कर पाती या समझ पाती वो 15000 रूपए से हाथ धो बैठी थी|
शिखा की गलती केवल इतनी थी की वो सतर्क नहीं थी| Request पर क्लिक करने से पहले उसने देखा नहीं की वो क्या कर रही है| और केवल शिखा के साथ ऐसा नहीं हुआ है| UPI ट्रांसेक्शन के नाम पर ऐसे बोहत से फ्रॉड हो चुके है| कुछ लोग जो पढ़े लिखे थे या जिनको ऐसे मामलो के बारे में थोड़ी बोहत खबर थी उन्होंने तो पुलिस में और बैंक में शिकायत करके अपने पैसे वापस वसूल लिए| लेकिन दिक्कत उन लोगों को आती है जिन्हे ऐसे फ्रॉड के बारे में कुछ पता नहीं होता है या जिन्हे अधूरी जानकारी होती है| शिखा भी ऐसे ही एक फ्रॉड का शिकार हो गई थी और 15000 रूपए खोने का गम मना रही थी|
शिखा जैसे और भी बोहत से लोग ऐसे फ्रॉड का शिकार हुए है और ऐसे फ्रॉड के बारे में आम जनता को सचेत करना जरुरी है| ऐसे फ्रॉड से कैसे बचा जाये इसकी जानकारी देना जरुरी है| ऑनलाइन फ्रॉड और खासकर UPI ट्रांसेक्शन की धोखाधड़ी बोहत बढ़ गई है विशेष रूप से महामारी के दौरान| इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए, काफी UPI platforms block की सुविधा प्रदान करते है, अगर आपको कोई payment request भेजता है, जिसको आप नहीं जानते तो उनको आप तुरंत ब्लॉक कर सकते है और ऐसी धोखाधड़ी से बच सकते है।
Android और iOS दोनों ही यूजर्स के लिए यह सुविधा उपलब्ध है। क्योकि शिखा के साथ यह फ्रॉड गूगल पे पर हुआ था तो इस ब्लॉग में मैं गूगल पे पर किसी को ब्लॉक करने के लिए कुछ सरल स्टेप्स बता रही हूँ|
अगर आपके साथ भी ऐसा कोई हादसा हुआ है और आप इसकी शिकायत दर्ज करना चाहते है तो टेलीग्राम पर "स्वच्छ सोशल मीडिया" के नाम से एक समूह से जुड़ सकते है| इस ग्रुप में कोई भी जुड़ सकता है और किसी भी प्रकार के सामाजिक या साइबर अपराध के खिलाफ रिपोर्ट कर सकता है| स्वस्थ रहे| सतर्क रहे और ऑनलइन और साइबर क्राइम में होने वाले फ्रॉड के शिकार ना बने| ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर क्राइम की खबरों को जानने के लिए डिजिटल युग से जुड़े रहे|
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